प्रयागराज :
राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के लिए शिक्षक भर्ती समकक्ष अर्हता विवाद के चलते करीब छह वर्ष से फंसी हुई है। समकक्ष अर्हता स्पष्ट न किए जाने से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग शिक्षा निदेशालय को अधियाचन लौटा चुका है। समकक्ष अर्हता का निर्धारण कर शिक्षा निदेशालय शासन को दो बार पत्रावली भेज चुका है, लेकिन अभी तक यह सुलझ नहीं सका है। रिक्त पदों पर भर्तियां तेजी से पूरी करने के मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद समकक्ष अर्हता स्पष्ट करने की दिशा में सार्थक पहल हुई है।
अपर निदेशक (एडी) राजकीय अजय कुमार द्विवेदी दो दिन पहले इस संबंध में वार्ता करने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग पहुंचे थे। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि समकक्ष अर्हता विवाद जल्द सुलझ सकता है।
राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कुछ विषयों में सहायक अध्यापक (एलटी) एवं प्रवक्ता पदों पर भर्ती के लिए योग्यता में समकक्ष का उल्लेख होने से असमंजस है। इसके कारण पुरानी भर्तियों में कुछ अभ्यर्थी हाई कोर्ट पहुंच गए थे, क्योंकि विषय में समकक्ष अर्हता होने के कारण उनके आवेदन तो स्वीकृत किए गए, लेकिन परीक्षा में सफल होने के बाद समकक्ष अर्हता स्पष्ट न होने से नियुक्ति नहीं दी गई। ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने समकक्ष अर्हता निर्धारित होने के बाद ही भर्ती करने का निर्णय किया। इसके चलते रिक्त पदों पर भर्ती के लिए शिक्षा निदेशालय से मिला अधियाचन लौटा दिया। इधर, स्थिति यह है कि शिक्षा निदेशालय और शासन अब तक समकक्ष अर्हता विवाद का समाधान नहीं कर सका, जिसके कारण भर्ती आने की उम्मीद में प्रतियोगी निर्धारित आयु सीमा पार कर रहे हैं। इसके जल्द निस्तारण की मांग कई बार प्रतियोगी कर चुके हैं। दो दिन पहले एडी राजकीय ने लोक सेवा आयोग में जाकर इस विषय पर सचिव से वार्ता की। माना जा रहा है कि विवाद सुलझ जाने पर कैबिनेट से पास कराकर नियमावली में संशोधन कराने के साथ ही नई भर्ती घोषित की जाएगी।
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