शासन ने तीन सदस्यीय कमेटी बना दी है जल्द ही कमेटी अपना कार्य शुरू करेगी।
प्रो. हिमांशु शेखर झा, राज्य दिव्यांगजन आयुक्त, उत्तर प्रदेश
● सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार शासन ने बनाई कमेटी
● कमेटी नियुक्त किए गए विशेष शिक्षकों की दक्षता की जांच करेगी
लखनऊ, दिव्यांग बच्चों की शिक्षा में अयोग्य विशेष अध्यापकों के सिंडिकेट के टूटने की उम्मीदें जगी हैं। शासन ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार नई उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी है। इससे अब विशेष शिक्षकों की नियुक्ति में हुई गड़बड़ी के खुलासे के आसार हैं।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश भर में कार्यरत करीब 2300 विशेष अध्यापकों की डिग्री, दक्षता एवं योग्यता की जांच के लिए राज्य दिव्यांगजन आयुक्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय स्क्रीनिंग समिति बनाने के निर्देश दिए थे, परन्तु बेसिक शिक्षा विभाग ने इसे ठन्डे बस्ते में डालने के उद्देश्य से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विपरीत बेसिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में अपने चहेते चार अधिकारियों की समिति बना दी थी।
इस पूरे प्रकरण का आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ द्वारा खुलासा किए जाने पर शासन ने इसे संज्ञान में लिया और अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार की ओर से तीन सदस्यीय स्क्रीनिंग समिति का गठन कर दिया गया है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ही कमेटी बनाई गई है, जिसमें राज्य दिव्यांगजन आयुक्त प्रो. हिमांशु शेखर झा, सचिव बेसिक शिक्षा तथा भारतीय पुनर्वास परिषद ( आरसीआई) के एक विशेषज्ञ को सदस्य बनाया गया है। यह समिति शिक्षकों की जांच करेगी।
Basic Shiksha Khabar | PRIMARY KA MASTER | SHIKSHAMITRA | Basic Shiksha News | Primarykamaster | Updatemarts | Primary Ka Master | Basic Shiksha News | Uptet News | primarykamaster | SHIKSHAMITRA