विधायकों-मंत्रियों के वेतन और भत्तों में भारी इजाफा, सुरेश खन्ना ने विधानसभा में किया ऐलान
उत्तर प्रदेश विधानमंडल सदस्य एवं मंत्रीगण सुख-सुविधा अधिनियम विधेयक, 2025 सर्वसम्मति से पारित हुआ। इसके तहत सभी विधायक (MLA) और विधान परिषद सदस्य (MLC) की सुख-सुविधाओं में वृद्धि की गई। सत्तापक्ष और विपक्ष, दोनों ने इसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया।
राज्य सरकार ने नौ साल बाद मंत्रियों और विधायकों के वेतन व भत्ते में भारी बढ़ोत्तरी की है। मंत्री और विधायकों के वेतन में 10-10 हजार रुपये का इजाफा हुआ है। विधायकों को वेतन और भत्ता मिलाकर अब 1.25 लाख की जगह हर माह 1.85 लाख रुपये मिलेगा। यह करीब 60 हजार रुपये की बढ़ोत्तरी है। इसके पहले वर्ष 2016 में विधायकों के वेतन में वृद्धि हुई थी। यह वृद्धि करीब 48 फीसदी है। विधायकों और मंत्रियों के वेतन व भत्ते बढ़ने से सरकार पर सालाना 105 करोड़, 21 लाख, 63 हजार रुपये सालाना खर्च आएगा।
विधानसभा में गुरुवार को इसके लिए उत्तर प्रदेश राज्य विधान मंडल सदस्य तथा सुख-सुविधा विधि (संशोधन) विधेयक-2025 को मंजूरी दी गई। वित्त व संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन को इसकी जानकारी दी। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की अध्यक्षता में मार्च 2025 में कमेटी बनाई गई थी। इसमें माता प्रसाद पांडेय, आशीष पटेल, राजपाल बालियान, संजय निषाद, ओम प्रकाश राजभर, अराधना मिश्रा मोना और रघुराज सिंह शामिल थे। समिति की सिफारिश पर विधानसभा में वेतन व भत्ता बढ़ाने के लिए विधेयक को रखा गया। विधायकों को बढ़ा हुआ वेतन का लाभ एक अप्रैल 2025 से मिलेगा और प्रत्येक पांच साल के बाद आयकर अधिनियम -1961 के मुताबिक मुद्रास्फीति सूचकांक के आधार पर वृद्धि की जाएगी।
सुरेश खन्ना ने सदन को बताया कि राज्य विधान मंडल के सदस्यों का वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य सुखा-सुविधाएं तथा मंत्रियों के वेतन को काफी समय से नहीं बढ़ाया गया था। मूल्य वृद्धि और जीवन यापन की बढ़ती लागत को ध्यान में रखते हुए इसे पुनरीक्षित किए जाने का फैसला किया गया है।
पूर्व विधायकों को भी सौगात, पेंशन बढ़ी
राज्य सराकर ने पूर्व विधायकों का भी ध्यान रखा है। उनकी पेंशन प्रतिमाह 25 हजार से बढ़ाकर 35 हजार रुपये हर माह कर दिया गया है। सुरेश खन्ना ने बताया कि विधान परिषद के पूर्व सदस्य को छह वर्ष कार्यकाल पूरा करने पर 2000 रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त पेंशन दी जाएगी। अगर किसी सदस्य का कार्यकाल छह माह या उससे ज्यादा है, तो उसे पूरा एक साल माना जाएगा और उससे कम होने पर एक साल से कम माना जाएगा। पारिवारिक पेंशन न्यूनतम प्रतिमाह 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये कर दी गई है। पारिवारिक पेंशन में नाबालिग बच्चों के साथ अविवाहित पुत्री भी पात्र मानी जाएगी।
कोविड काल में हुई थी कटौती
राज्य सरकार ने कोविड काल में मंत्रियों और विधायकों के वेतन व भत्ते में 30 प्रतिशत की कटौती की थी। कटौती अवधि अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक थी। इस पैसे को कोविड राहत कार्य में लगाया गया था।
वेतन व भत्तों में वृद्धि
सदस्यों को रेलवे कूपन मौजूद समय प्रति वर्ष 4.25 लाख। इसमें 25000 नगद लेने की व्यवस्थाहै। बढ़ोत्तरी-पांच लाख इसे पूरी तरह से परिवर्तन किया जा सकेगा।
पूर्व सदस्यों को रेलवे कूपन मौजूदा समय एक लाख रुपये। हर साल इसमें 50 हजार नगद ले सकते हैं। बढ़ोत्तरी-1.50 लाख एक लाख नगद ले सकेंगे।
विधायकों का वेतन कब-कब बढ़ा
फरवरी 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने हर माह 30 हजार से 50 हजार रुपये करीब 66 फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी। इसके बाद मार्च 2015 में 60 हजार से एक लाख रुपये की बेसिक पे के साथ रेलवे कूपन में बढ़ोत्तरी की गई थी।
अगस्त-सितंबर 2016:
वेतन 10000 से 25000
निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 30000 से 50000
चिकित्सीय भत्ता 20000 से 30000
सचिवीय भत्ता 15000 से 20000
पेंशन 10000 से 25000
फरवरी 2010 पहली वृद्धि: 30000 से- 50000 लगभग
मार्च 2015 दूसरी वृद्धि: 60000 से एक लाख
अगस्त-सितंबर 2016 में अखिलेश यादव सरकार में तीसरी वृद्धि
अगस्त 2025 योगी सरकार में चौथी वृद्धि करीब 60000 की घोषणा
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