लखनऊ। नेता विरोधी दल माता प्रसाद पांडेय ने विधानसभा के मानसून सत्र में परिषदीय विद्यालयों को बंद करने पर सरकार को घेरा। आरोप लगाया कि 10 हजार सरकारी विद्यालय बंद कर दिए गए हैं।
ये भी पढ़ें – आदेश के प्रतिलिपि नंबर एक पर 15 अगस्त को एमडीएम कॉल के लिए आदेशित किया गया है।
ये भी पढ़ें – CBSE ने 9वीं और 11वीं के Internal Exam के नियम बदले
सवाल किया कि आखिर 50 बच्चों का मानक तय करने की क्या जरूरत है? उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में एससी-एसटी, ओबीसी व गरीब घरों के बच्चे पढ़ते हैं। सरकार ने विद्यालय बंद किए तो समाजवादी पार्टी ने पीडीए पाठशाला खोलकर इन बच्चों को पढ़ाने की कोशिश की। फिर पीडीए पाठशाला खोलने से सरकार नाराज हो गई। लोगों के पर रिपोर्ट दर्ज होने लगे। नेता विरोधी दल ने कहा कि उनकी पढ़ाई के दौरान भी जूनियर हाईस्कूल में 60 बच्चे थे लेकिन विद्यालय बंद नहीं किया गया। बाल वाटिका चलाना तो ठीक है लेकिन छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेश न देना गलत है। अब इसे बदला जाए। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बाढ़ की वजह से किसान तबाह होते हैं। पर्यटन का जिक्र करते हुए कहा कि कपिलवस्तु में भगवान गौतमबुद्ध के अस्थि कलश लाकर रखे जाएं तो विदेश से बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म मानने वाले अनुयायी आएंगे और सरकार की डॉलर में कमाई होगी। कपिलवस्तु व लुंबनी के लिए नेपाल बार्डर को खोला जाए जिससे लोगों को लंबी दूरी तय न करनी पड़े। नेता प्रतिपक्ष ने आउटसोर्सिंग पर नौकरी की जगह स्थायी नौकरी देने, कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने की मांग की और एनकाउंटर को गलत ठहराया।
Basic Shiksha Khabar | PRIMARY KA MASTER | SHIKSHAMITRA | Basic Shiksha News | Primarykamaster | Updatemarts | Primary Ka Master | Basic Shiksha News | Uptet News | primarykamaster | SHIKSHAMITRA