बाराबंकी। जिले के परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की कम उपस्थिति पर डीएम शशांक त्रिपाठी ने सख्त नाराजगी जताई है। मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में हुई जिला शिक्षा एवं परियोजना समिति की मासिक बैठक में डीएम ने पूरेडलई, बनीकोडर, मसौली, त्रिवेदीगंज और सिद्धौर ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। चेताया कि बच्चों की उपस्थिति नहीं सुधरने पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कामकाज में ढिलाई बरतने पर पांचों बीईओ का वेतन रोकते हुए स्पष्टीकरण भी मांगा है।
ब्लॉकवार समीक्षा के दौरान पिछले साल से लेकर अब तक की बच्चों की उपस्थिति का हाल देखने पर डीएम ने सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने हर ब्लॉक में 20 ऐसे स्कूल चुनने को कहा, जहां बच्चों की उपस्थिति या पढ़ाई का स्तर कमजोर है। इसके लिए जिले के 320 स्कूलों की खास निगरानी के लिए नियमित मॉनीटरिंग का भी निर्देश भी दिया।
शिक्षकों से कहा कि जो बच्चे स्कूल में कम आते हैं या पढ़ाई में पीछे हैं, उन्हें अलग से समय देकर पढ़ाया जाए। हर कक्षा से दो मेधावी और दो कमजोर बच्चों को चुनकर उन्हें बेहतर मौका देने की योजना भी बनी। बाढ़ प्रभावित इलाकों में बच्चों की पढ़ाई न रुके, इसके लिए वैकल्पिक इंतज़ाम करने को कहा गया। साथ ही यह भी तय हुआ कि स्कूल में शिक्षक समय पर आएं और समय पर ही जाएं। बैठक में सीडीओ अन्ना सुदन, बीएसए संतोष देव पांडेय व सभी 16 खंड शिक्षा अधिकारी और परियोजना समन्वयक मौजूद रहे।
प्रार्थना बने पढ़ाई का हिस्सा, होंगी प्रतियोगिताएं
डीएम ने प्रार्थना सभा को भी पढ़ाई का हिस्सा बनाने की बात कही। कहा कि हर दिन एक नया विषय, अलग बच्चा और ऐसा भाषण जो बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाए। इस दौरान अच्छे छात्रों के लिए ब्लॉक और जिला स्तर पर प्रतियोगिताएं कराने की भी घोषणा हुई।
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