संतकबीरनगर। बेसिक स्कूलों में तैनात 1500 शिक्षक ऐसे हैं जो शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2011 में लागू होने से पहले बिना शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) दिए सेवाएं दे रहे हैं।
अब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि शिक्षक सेवा में बने रहने या पदोन्नति पाने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी अनिवार्य है। ऐसे में शिक्षकों को दो साल में टीईटी पास करना होगा।
शीर्ष कोर्ट ने निर्देश जारी किया है कि जिन शिक्षकों की सेवा अवधि पांच साल से कम बची है उन्हे टीईटी उत्तीर्ण किए बिना सेवा जारी रखने की अनुमति दी जाए। हालांकि प्रोन्नति के लिए टीईटी पास करना होगा। वहीं, जिनकी सेवानिवृत्ति में पांच साल से ज्यादा समय है उन्हे दो साल में टीईटी पास करना होगा।
शिक्षक नेताओं का कहना है कि जनपद में बेसिक स्कूलों में 3600 शिक्षक तैनात हैं। इसमें से करीब 1500 शिक्षक ऐसे हैं जो 2011 में लागू आरटीई एक्ट से पहले सेवा में आए हैं। इनमें अधिकांश शिक्षकों की सेवा पांच साल से अधिक बची है।
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