उन्नाव 5 नवबंर। परिषदीय शिक्षकों के समायोजन से संबंधित मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन था। अपना समायोजन बचाने के लिए हाईकोर्ट गए शिक्षकों को न्यायालय से स्टे अस्थायी रोक प्राप्त हो गयी है। न्यायालय द्वारा इस प्रकरण में कहा गया है कि शिक्षकों की कोई गलती नहीं है उन्होंने केवल विभागीय आदेशों का पालन किया है। बतादें कि जुलाई. 2025 में प्रदेशभर के हजारों शिक्षकों का समायोजन विभाग द्वारा किया गया था। जिसकी सूची बेसिक शिक्षा सचिव ने जारी की थी। शिक्षकों को उनके पुराने विद्यालय से कार्यमुक्त कर सक्षम अधिकारी द्वारा नए विद्यालयों में कार्यभार ग्रहण कराया गया था। उस समय यह समस्या सामने आई कि जिन विद्यालयों से शिक्षक कार्यमुक्त हुए वे विद्यालय एकल सिंगल टीचर बन रहे थे हालांकि बाद में विभाग ने स्पष्ट किया कि कई विद्यालयों में शिक्षामित्र भी कार्यरत हैं अतः वे पूर्ण रूप से एकल नहीं हैं। इसके बाद महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए कि समायोजित शिक्षकों को हर स्थिति में नए विद्यालय में कार्यभार ग्रहण कराना सुनिश्चित करें। साथ ही यह भी कहा गया कि एकल हुए विद्यालयों में समायोजन. 3 प्रक्रिया के तहत नए शिक्षक भेजे जाएंगे। वहीं कुछ जिलों में एकल विद्यालय के शिक्षकों ने अपने पुराने विद्यालय से गए शिक्षकों की वापसी के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसके बाद कुछ जिलों के बीएसए द्वारा समायोजित शिक्षकों की वापसी के आदेश जारी कर दिए गए जबकि बेसिक शिक्षा सचिव की ओर से ऐसा कोई निर्देश नहीं था। न्यायालय ने यह भी माना कि पूर्व में भी ऐसे कई विद्यालय एकल बने है।
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