प्रयागराज। प्रदेश के सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या 50 के तहत संशोधित परिणाम के आधार पर चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों का संकट टल गया है। इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने चार दिसंबर 2024 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि संशोधित परिणाम में चयनित 21 अभ्यर्थियों की नियुक्ति कानूनी रूप से वैध है और अब इस पर कोई विवाद शेष नहीं रहा। हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने विज्ञापन संख्या 50 के तहत पांच विषयों (संस्कृत,अर्थशास्त्रत्त्, गणित, शारीरिक शिक्षा व गृह विज्ञान) का संशोधित परिणाम दिसंबर 2022 में जारी किया था। इसके तहत 21 नवचयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए अनुशंसा उच्च शिक्षा निदेशक ने 15 मार्च 2024 को दी थी। अब लगभग सभी चयनित अभ्यर्थी अपनी नई नौकरी ज्वाइन कर चुके हैं।गौरतलब है कि पहले जारी परिणाम के आधार पर सभी विज्ञापित पदों पर नियुक्तियां हो चुकी थीं। इसके बाद उच्च न्यायालय की डिवीजन बेंच ने संशोधित परिणाम में चयनित अभ्यर्थियों को अविज्ञापित पदों के सापेक्ष समायोजन का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से पांच विषयों में चयन प्रक्रिया का विवाद अंतत समाप्त हो गया है।
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