सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी शिक्षकों के लिए टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) अनिवार्य किए जाने के आदेश के बाद देशभर के प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूलों में कार्यरत लगभग एक करोड़ शिक्षक आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के अनुसार 10 से 20 सितंबर तक प्रदेश के शिक्षक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को करीब पांच लाख पत्र भेजेंगे। इन पत्रों में 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से छूट देने की मांग की जाएगी।
शिक्षक संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार के कानून और सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश से देश के करीब 30 लाख शिक्षकों की नौकरी पर संकट गहराया है। केंद्र सरकार चाहे तो शिक्षकों को राहत मिल सकती है। इसी उद्देश्य से संघ ने 10 से 20 सितंबर तक पत्र भेजने का अभियान चलाने का निर्णय लिया है। शिक्षक नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार इस मुद्दे
पर सकारात्मक पहल नहीं करती है तो अक्टूबर में देशभर के शिक्षक दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना देंगे। जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार याचिका भी दाखिल की जाएगी। इसके लिए वरिष्ठ अधिवक्ताओं का एक पैनल निर्णय का अध्ययन कर रहा है।
आंदोलन को नैतिक समर्थन देंगे शिक्षामित्र : शिक्षक अपने आंदोलन को व्यापक बनाने के लिए शिक्षामित्रों को साथ जोड़ना चाहते हैं, लेकिन शिक्षामित्रों ने साफ किया है कि वे सीधे आंदोलन में हिस्सा नहीं लेंगे बल्कि नैतिक समर्थन देंगे। पहले जब शिक्षामित्र आंदोलनरत थे, तब सहायक अध्यापकों ने उन्हें नैतिक सहयोग दिया था।
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