योगी ने जिलाधिकारियों से कहा कि वे सेटेलाइट के जरिए से पराली जलाने की घटनाओं की लगातार नजर रखें। दो एकड़ से कम क्षेत्र पर 2500 रुपये, दो से पांच एकड़ तक 5000 रुपये और पांच एकड़ से अधिक पर 1500 रुपये जुर्माना वसूला जाए। प्रत्येक 50 से 100 किसानों पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं। जनप्रतिनिधियों से भी इस अभियान में सहयोग की अपील की गई है। संयुक्त प्रयासों से ही स्वच्छ पर्यावरण और प्रदूषण मुक्त प्रदेश का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
जिलाधिकारियों से कहा गया है कि हॉटस्पाट चिह्नित करते हुए 50 से 100 किसानों पर एक नोडल अधिकारी नियुक्ति करें। नोडल अधिकारी को पराली जलाने की घटनाओं को शून्य करने के लिए विशेष हिदायत दी जाए। इसके साथ ही, राजस्व, पुलिस, कृषि, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभागों के जनपद, तहसील, विकासखंड व क्षेत्रीय कर्मियों के माध्यमसे फसल कटने के समय निगरानी करते हुए, फसल अवषेश जलाने की घटनाओं को शून्य करना है। यदि कोई कृषक फसल अवषेश जलाता हुआ पाया जाता है तो मौके पर उसको रोकना तथा उस पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति की धनराषि अधिरोपित करते हुए कार्रवाई की जाए।
पराली जलाने से पर्यावरण पदूषण में होती ही वृद्धि:
मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है और जनस्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। इसलिए किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के वैकल्पिक उपायों के प्रति जागरूक किया जाए। सभी जिलाधिकारियों से अपेक्षा की गई है वो सेटेलाइट के माध्यम से पराली जलाने की घटनाओं की लगातार निगरानी करें और संवेदनशील जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए।
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