राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कंप्यूटर विषय की एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) भर्ती से बीटेक आईटी योग्यताधारी अभ्यर्थियों को बाहर रखने पर विवाद हो गया है। इन अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर भर्ती में शामिल करने का अनुरोध किया है। याचिका करने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि बीटेक (इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी) स्नातकों को एलटी ग्रेड भर्ती के लिए पात्रता से बाहर करने का फैसला संविधान के खिलाफ है।
अपील की है कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ शिक्षा (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) सेवा (षष्टम संशोधन) नियमावली 2024 को भी अवैध घोषित किया जाए। आग्रह किया है कि
विज्ञापन और नियम को रद्द करते हुए बीटेक (आईटी) स्नातकों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का आदेश दिया जाए। उत्तर प्रदेश लोक सेवा
आयोग की ओर से सात साल बाद एलटी ग्रेड के 7385 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इनमें कंप्यूटर के 1056 पद हैं।
बीएड की अनिवार्यता से छूट
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने कंप्यूटर विषय की
एलटी ग्रेड भर्ती में बीएड की अनिवार्यता से छूट दी गई है। 28 मार्च को जारी संशोधित नियमावली 2024 में इस महत्वपूर्ण बदलाव को मंजूरी दी गई है। इससे पहले 2018 की एलटी ग्रेड भर्ती में पहली बार शामिल कंप्यूटर विषय के लिए बीएड की अर्हता अनिवार्य थी। कंप्यूटर विषय तकनीकी होने के कारण अधिकांश आवेदकों के पास बीएड की डिग्री नहीं थी और यही कारण है कि 2018 में विज्ञापित 1673 रिक्त पदों में से 1637 खाली रह गए थे। सिर्फ 36 कंप्यूटर शिक्षकों का चयन हुआ था। नियमावली में इस कमी को दूर करते हुए कंप्यूटर शिक्षकों की भर्ती में अब बीएड को अधिमानी अर्हता के रूप में शामिल किया गया है।
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