गोंडा। स्कूलों के विलय आदेश की संशोधित सूची जारी होने के बाद एक नया विवाद खड़ा हो गया। जिले में विलय किए गए स्कूलों की संशोधित सूची जारी करने से पहले ही वहां पढ़ा रहे शिक्षकों को सरप्लस मानकर स्वैच्छिक स्थानांतरण दे दिया गया। ऐसे में विलय आदेश रद्द होने के बाद भी बच्चों की पढ़ाई पर संकट खड़ा हो गया है। इसे लेकर जहां शिक्षक अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं वहीं, अधिकारी शिक्षकों को कार्यमुक्त न करने का दावा कर अपना बचाव कर रहे हैं।
आरोप है कि अधिकारियों ने शिक्षकों व बच्चों को फुटबाल बना दिया है। पहले विलय करने के बाद शिक्षकों को दूसरे विद्यालय में स्थानांतरित कर दिया। अब आदेश संशोधित करने के बाद भी उन्हें न तो कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं और न ही उनका स्थानांतरण आदेश ही रद्द किया गया है। ऐसे में शैक्षिक सत्र के तीन माह से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद भी जिले के परिषदीय विद्यालयों पठन पाठन की व्यवस्था बेपटरी बनी है।
अब तक लगभग 220 शिक्षकों ने स्वैच्छिक समायोजन के तहत आवेदन किया है। इसमें से लगभग 180 शिक्षकों को स्थानांतरण दिया जा चुका है। मगर किसी को भी कार्यमुक्त नहीं किया गया है। विद्यालयों के विलय का आदेश रद्द करने के बाद अधिकारियों के अगले आदेश का इंतजार किया जा रहा है। इसके बाद जरूरी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
संशोधित आदेश के बाद भी ऊहापोह
-प्राथमिक विद्यालय रघुनाथपुर में 34 बच्चों का नामांकन होने के चलते प्राथमिक विद्यालय तरबगंज में विलय कर दिया गया। यहां की एकल शिक्षिका प्रेमलता यादव का कंपोजिट विद्यालय सेझिया में स्थानांतरण कर दिया गया। मगर संशोधित सूची में स्कूल के विलय का आदेश रद्द कर दिया गया। ऐसे में कोई स्पष्ट निर्देश न मिलने के कारण शिक्षिका पूर्व में विलय किए गए स्कूल तरबगंज में ही सेवाएं दे रहीं है।
दो स्थानों से होकर फिर पहुंचे पुराने स्कूल
उच्च प्राथमिक विद्यालय पूरे रघुनाथ को उच्च प्राथमिक विद्यालय मिझौरा में विलय कर दिया। स्थानीय लोगों के विरोध जताने पर प्राथमिक विद्यालय गोविंद पुरवा में विलय किया। संशोधित आदेश के बाद बच्चों को फिर से पूरे रघुनाथ के विद्यालय में भेज दिया गया। यहां तैनात शिक्षक राजेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कार्यमुक्त न होने से पुराने विद्यालय में ही शैक्षणिक कार्य कर रहे हैं।
कार्यमुक्त की तिथि से पहले जारी होगी सूची
सरप्लस शिक्षकों का स्वैच्छिक स्थानांतरण किया जा चुका है। मगर किसी को भी कार्यमुक्त नहीं किया गया है। स्कूलों के अनपेयरिंग की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद शिक्षकों के कार्यमुक्त का फैसला किया जाएगा।
अतुल कुमार तिवारी, बीएसए
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