प्रयागराज, । आठ अगस्त को जारी परिषदीय
शिक्षकों की जिले के अंदर स्थानांतरण और समायोजन सूची पर सवाल खड़े हुए हैं। सरकार ने जिन स्कूलों का विलय रद्द कर दिया है उनके शिक्षकों का भी तबादला कर दिया गया है। एक तरफ शिक्षक सरप्लस होने के बावजूद स्थानांतरित हो चुके हैं, उनका स्थानांतरण रद्द किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर प्रयागराज के धनपुर विकासखंड में उच्च प्राथमिक बनकट, बैजपुर, जसरा और बबुरी आदि विद्यालयों का मर्जर रद्द होने के
बावजूद इन स्कूलों के शिक्षकों का नाम समायोजन सूची में शामिल है।
शिक्षकों का कहना है कि 23 मई 2025 को जारी स्थानांतरण नीति में स्वेच्छा से आवेदन करने वालों के तार्किक परिनियोजन (तैनाती) के
नाम पर बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की है। प्रथम चरण में 30 जून को जारी सूची में 20182 शिक्षकों का समायोजन हुआ था जिसमें तमाम प्राथमिक विद्यालयों को एकल
अध्यापक कर दिया। आरटीई के अनुसार प्राथमिक स्कूलों में 60 छात्रसंख्या तक 2 स्थायी शिक्षकों का होना अनिवार्य है तथा 100 छात्रसंख्या पर उच्च प्राथमिक स्कूलों में विषयवार कम से कम तीन शिक्षक होना चाहिए। गणित/विज्ञान, भाषा और सामाजिक विषय के एक-एक शिक्षक आवश्यक हैं।
पहली सूची में प्राथमिक के प्रधानाध्यापकों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में समायोजित कर दिया, जबकि 150 छात्रसंख्या से कम पर किसी प्रधानाध्यापक को सरप्लस
घोषित करने पर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से स्टे चल रहा था। इसके बावजूद 26 जून को इन प्रधानाध्यापकों से विकल्प लेकर उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर तैनात कर दिया गया। उच्च प्राथमिक स्तर पर सब्जेक्ट मैपिंग होने के बावजूद न तो विषयवार शिक्षकों को सरप्लस घोषित किया और न ही विषयवार रिक्तियों को दर्शाया गया। एक स्कूल में शिक्षक छात्र अनुपात ठीक करने के नाम पर दूसरे स्कूल का अनुपात बिगाड़ दिया गया है।
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