मुरादाबाद। 69000 शिक्षकों की भर्ती को लेकर आए हाईकोर्ट के आदेश के बाद सैकड़ों शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटकने लगी है। मुरादाबाद में लगभग सात सौ शिक्षकों की नौकरी पर संकट छा गया है। तीन-चार साल से नौकरी कर रहे ये शिक्षक अब सरकार के अगले आदेश का इंतजार कर रहे हैं।
हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने 69 हजार शिक्षक भर्ती में नई चयन सूची तीन महीने के अंदर बनाने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट के इस आदेश से जिले के करीब सात सौ शिक्षक प्रभावित हो सकते हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में जिले में करीब साढ़े सात सौ पदों पर नियुक्ति होनी थी। इस तीन चरणों में जिले में करीब सात सौ शिक्षकों की तैनाती हुई थी। इन शिक्षकों को शासन की ओर से तय की गई ऑनलाइन प्रक्रिया के आधार पर स्कूल आवंटित किए गए थे।
पहले बंद स्कूल और फिर एकल स्कूलों को आवंटन में प्राथमिकता दी गई थी। मुरादाबाद में नगर क्षेत्र को छोड़कर अन्य सभी आठ ब्लॉक में शिक्षकों को नियुक्ति मिली थी। नियुक्ति में सबसे पहले दिव्यांग महिला, फिर दिव्यांग पुरुष, इसके बाद सामान्य महिला व बाद में सामान्य पुरुष शिक्षकों को नियुक्ति दी गई थी।
आदेश से शिक्षक परेशान
मैं अमरोहा से हूं। दूसरी सूची में मेरा चयन हुआ था और मुरादाबाद ग्रामीण में प्राथमिक विद्यालय साहू नगला में कार्यरत हूं। कोर्ट के आदेश के के बाद अब सूची बनी तो पुरानी सूची प्रभावित होगी। हो सकता है कि जो नौकरी कर रहे हैं, वे निकल जाएं और अभी जिनकी नियुक्ति नहीं हुई है, उनका चयन हो जाए। बहुत से ऐसे शिक्षक हैं, जो अधिक उम्र के होने की वजह से आने वाली भर्ती में आवेदन ही नहीं कर पाएंगे। इसको लेकर शिक्षक परेशान हैं। – अनुज यादव, शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय गनीमतनगर में कार्यरत हूं। मेरा मानना है कि संविधान के हिसाब से जो भी अर्ह है, उन्हें लाभान्वित किया जाए। पर खुद के भविष्य को लेकर चिंता भी है। सभी परीक्षाएं पास करने के बाद हमें नियुक्ति मिली है। चार साल बेसिक शिक्षा विभाग को दिए हैं। मेरी उम्र भी अधिक हो गई है। नई रिक्तियों में आवेदन नहीं कर पाऊंगा। बस सरकार से यही अनुरोध है कि किसी शिक्षक के साथ कुछ गलत न हो। –
सौरभ अग्रवाल, शिक्षक
कुंदरकी ब्लॉक में प्राथमिक विद्यालय गंगवारी में कार्यरत हूं। सरकार ने सूची बनाई थी और हम चार साल से नौकरी कर रहे हैं। मैं दूसरी जगह सरकारी नौकरी कर रहा था। उसे छोड़कर मैंने शिक्षक पद पर नियुक्ति ली थी। यदि मुझे पता होता कि यह भर्ती फंस जाएगी तो मैं उसे नहीं छोड़ता। भविष्य को लेकर अब मुझे तनाव हो रहा है।
अभिनव अग्रवाल, शिक्षक
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