नावकोठी में कहीं मोटर तो कहीं बोरिंग गाड़ने के बाद गायब हो गए संवेदक

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 नावकोठी, निज संवाददाता। प्रखंड में कुल 22 प्राथमिक, 20 मिडिल तथा नौ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हैं। अधिकतर विद्यालयों में चापाकल, नल का जल आदि द्वारा बच्चों के पेयजल की सुविधा मिल रही है।

प्रखंड के नौ संकुलों में कुछ स्कूलों में ही पेयजलापूर्ति के लिए सबमर्सिबल बोरिंग गाड़ा गया है। इतना ही नहीं इन विद्यालयों में इसके लिए संवेदक ने प्रधानाध्यापक से लिखवा भी लिया है। उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सैदपुर विष्णुपुर संकुल के उत्कमित विद्यालय देवपुरा के प्रभारी प्रधानाध्यापक विजय कुमार ने बताया कि उनके विद्यालय में आज तक बोरिंग नहीं

■ स्कूलों में नल जल का लाभ नहीं मिल रहा है बच्चों को  प्राक्कलन के अनुरूप कहीं भी नहीं कराया गया है काम

नावकोठी प्रखंड के नीरपुर उत्क्रमित मध्य विद्यालय में सबमर्सिबुल बोरिंग के लिए ढाई माह पूर्व खोदा गया गड्डा।

गाड़ा गया है। इसके लिए उन्होंने तीन माह पूर्व ही संवेदक को लिखकर दिया था। किन्तु आज तक यहां गड्डा तक नहीं खोदा गया है। वहीं समसा स्थित मध्य विद्यालय समसा के प्रधानाध्यापक मंटून महतो ने बताया कि उनके स्कूल में चित्तरंजन एण्ड सन्स एजेंसी ने बोरिंग किया है। कुल प्राक्कलित राशि एक लाख अस्सी हजार रुपये थी। इसमें एक सौ साठ

फीट बोरिंग करना था। किन्तु प्राक्कलन के अनुरूप कार्य नहीं हो सका है। मोटर लगा है। इसमें तीन नल बेसिन के साथ लगाना था। एक पानी की टंकी एक हजार क्षमता की भी लगानी थी। ये कार्य हुए। किन्तु बोरिंग एक सौ साठ फीट से कम ही गाड़ा गया है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय नीरपुर के प्रधानाध्यापक रंधीर कुमार ने बताया बताया कि कि उन उनके स्कूल में बोरिंग गाड़ने इने के

लिए गड्डा खोदा गया जो लगभग ढाई माह से पड़ा है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि उसे गड्डा भरने के लिए भी कहा गया। किन्तु आज तक गड्डा नहीं भरा गया। प्राइमरी स्कूल वृन्दावन में एजेंसी के द्वारा बोरिंग गाड़ दिया गया। किन्तु न तो मोटर लगा है और न ही बेसिन बगैरह। फलतः उससे बच्चे लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं। वहीं प्राइमरी स्कूल बाबा स्थान की प्रभारी प्रधानाध्यापिका विनीता कुमारी ने बताया कि बोरिंग के साथ नल बगैरह लगाये गये हैं। मानक प्राकल्लन के अनुसार कार्य नहीं होने की बात प्रधानाध्यापकों ने स्वीकारी है। विभाग द्वारा किसी प्रकार का सर्वे नहीं किया गया है और न ही प्रधानाध्यापक को कोई स्पष्ट आदेश है। ऐसी परिस्थिति में प्रधानाध्यापक ऊहापोह में रहकर कार्य करते हैं। इधर प्रखंड शिक्षा अधिकारी नावकोठी राजेन्द्र पांडेय ने बताया कि किस एजेंसी से कार्य हो रहा है, इसकी जानकारी नहीं है है।

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