तीन साल में दो बार आवेदन के बावजूद जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में शिक्षिकाओं समेत अन्य पदों पर भर्ती पूरी नहीं हो सकी है। इसके चलते इन विद्यालयों में वंचित तबके की कक्षा छह से आठ तक की छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कस्तूरबा विद्यालयों में पूर्णकालिक शिक्षिका के 36, अंशकालिक शिक्षक/शिक्षिका के 20, लेखाकार के दो, मुख्य रसोइया के दो, सहायक रसोइया के छह और चौकीदार के पदों पर भर्ती के लिए पहले 15 जुलाई 2021 को विज्ञापन जारी हुआ था। यह भर्ती पूरी होने से पहले मामला हाईकोर्ट में चला गया और प्रक्रिया ठप हो गई।
फिर केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार इन विद्यालयों में केवल महिलाओं की नियुक्ति का आदेश जारी हुआ। संशोधित नियमों के आधार पर 20 जुलाई 2023 को जिले के 20 कस्तूरबा विद्यालयों में पूर्णकालिक शिक्षिकाओं के 50 और संविदा शिक्षिकाओं के 23 पदों समेत लेखाकार के चार, मुख्य रसोइया एक, सहायक रसोइया 10, चौकीदार तीन और चपरासी के एक पद पर फिर से केवल महिला अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए थे। यह भर्ती शुरू होने के सालभर बाद भी चयन नहीं हो सका है।
चपरासी-रसोइया के लिए बीएड वालों ने किया था आवेदन
कस्तूरबा विद्यालयों में मुख्य रसोइया और चपरासी के एक-एक पद के लिए 2023 में जारी आवेदन के सापेक्ष क्रमश 27 व 14 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इनमें एक-एक बीएड अभ्यर्थी थे। जबकि इन दोनों ही पदों के लिए न्यूनतम शैक्षिक अर्हता कक्षा आठ पास थी। मुख्य रसोइया के लिए छह स्नातक, जबकि चपरासी के लिए चार स्नातक डिग्रीधारियों ने आवेदन किया था। चौकीदार के तीन पदों के लिए 29 आवेदकों में आठ स्नातक पास थे। सहायक रसोइया के दस पदों के लिए 47 आवेदकों में से 12 स्नातक थे।
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