लखनऊ : परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में प्री-प्राइमरी से कक्षा दो तक के छात्रों को गणित व भाषा में दक्ष बनाने के लिए निपुण भारत अभियान चलाया जा रहा है। 17 फरवरी से स्कूलों का निपुण मूल्यांकन शुरू किया जाएगा। मूल्यांकन ढंग से किया गया है या नहीं इसकी जांच भी कराई जाएगी। NGO की मदद से इसकी थर्ड पार्टी आडिट होगी।
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में गणित व भाषा में विद्यार्थी कितने दक्ष हुए इसके लिए निपुण मूल्यांकन कराया जा रहा है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) के प्रशिक्षुओं की मदद से यह मूल्यांकन कराया जाएगा। विद्यार्थी अगर 75 प्रतिशत सवालों के सही जवाब देंगे तो उन्हें निपुण माना जाएगा। ऐसे ही किसी विद्यालय के 80 प्रतिशत विद्यार्थियों के निपुण होने पर निपुण विद्यालय और किसी ब्लाक के 80 प्रतिशत विद्यालयों के निपुण होने पर निपुण ब्लाक माना जाएगा।
प्रत्येक स्कूल के मूल्यांकन के लिए डीएलएड प्रशिक्षुओं को 250 रुपये भत्ता दिया जाएगा। बीते वर्षों में डीएलएड के प्रशिक्षुओं की ओर से किए गए मूल्यांकन की जांच में गड़बड़ियां मिली थीं। कई ने तो रविवार को स्कूल बंद होने के बावजूद वहां मूल्यांकन किए जाने का डाटा भर दिया। यही नहीं कई जगह छात्रों के मूल्यांकन में गड़बड़ियां पाई गईं। ऐसे में थर्ड पार्टी आडिट कराने का निर्णय लिया गया। अगले महीने के अंत में यह जांच होगी। गड़बड़ी मिलने पर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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