लखनऊ। कोरोना काल में परिषदीय शिक्षकों के सहयोग के लिए बनी टीचर सेल्फ केयर टीम (टीएससीटी) ने अब एक और मिसाल पेश की है। चार लाख से अधिक शिक्षक सदस्यों वाले इस संगठन ने शिक्षकों की बेटियों के विवाह में आर्थिक सहायता देने के लिए कन्यादान योजना की शुरुआत की है।
इस अनूठी पहल के तहत महज पांच रुपये के प्रतीकात्मक सहयोग से जरूरतमंद बेटियों की शादी में पांच लाख रुपये की मदद की जाएगी। पूरी तरह स्वैच्छिक इस योजना का उद्देश्य शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को सामाजिक और आर्थिक मजबूती देना है। टीएससीटी पहले से ही 15
टीचर सेल्फ केयर टीम पांच रुपये का प्रतीकात्मक शुल्क लेकर करेगी मदद
परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक सदस्यों के लिए शुरु की कन्यादान योजना
रुपये के सहयोग से सदस्य शिक्षकों के निधन पर परिजनों को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दे रहा है। संगठन से जुड़े और दो साल तक नियमित सदस्य रहने वाले शिक्षक इस योजना का लाभ लेने के
लिए एक जुलाई से अपनी जिला टीम के सहयोग से आवेदन कर सकेंगे। टीएससीटी के संस्थापक विवेकानंद ने बताया कि एक लिफाफे के मूल्य रूप में सदस्य शिक्षकों से पांच रुपये लिए जाएंगे।
अगर तीन लाख शिक्षकों ने भी सहयोग किया तो हमारे पास 15 लाख रुपये जमा होंगे। इसे हम तीन बेटियों की शादी के लिए पांच-पांच लाख रुपये दे सकेंगे। इस तरह एक लिफाफे के एक तिहाई मूल्य में ही एक बेटी की बेहतर तरीके से शादी में सहयोग किया जा सकेगा।
विवेकानंद ने बताया कि कन्यादान योजना सिर्फ वैध सदस्यों के लिए होगी। इसमें शिक्षक की किसी एक पुत्री के विवाह के लिए सहयोग किया जाएगा। यह लाभ गोद ली हुई बेटी या किसी अन्य माध्यम से कानूनी रूप से अपनाई गई बेटी के मामले में भी दिया जाएगा। इसमें अधिकतम 55 साल की उम्र तक जुड़ने वाले शिक्षकों को सेवानिवृत्त
होने की तिथि तक लाभ मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि संगठन का सदस्य बनने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। सिर्फ वेबसाइट पर आवश्यक दस्तावेज के साथ रजिस्ट्रेशन कराना होता है।
बीमारी में सहयोग की योजना भी शुरू
अबधेश कुमार ने बताया कि एक मई 2025 से सदस्य शिक्षकों के गंभीर रूप से बीमार होने की स्थिति में भी सहयोग की योजना शुरू की गई है। कई बार गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने पर शिक्षक का निधन हो जाता है या वह आर्थिक रूप से कमजोर हो जाते हैं। इसके लिए 50 हजार से पांच लाख रुपये तक का सहयोग किया जाएगा। दो लाख से ज्यादा का खर्च होने पर सहयोग किया जाएगा। इसके लिए भी आवेदन मांगे गए हैं।
तीन महीने पहले करना होगा आवेदन
टीएससीटी के संस्थापक ने बताया कि अभी टीम में चार लाख शिक्षक जुड़े हैं।
कन्यादान योजना के लिए आवेदन बेटी के विवाह के तीन महीने पहले करना अनिवार्य होगा। आवेदन के बाद जिला स्तरीय टीम से इसके लिए आवश्यक जांच करई जाएगी। योजना में सिर्फ व्यवस्था शुल्क जमा करने वाले शिक्षक सदस्य ही भाग ले सकेंगे। नियमित शिक्षक के साथ टीम के सदस्य शिक्षामित्र, अनुदेशक व अनुचर भी इस योजना का लाभ ले सकेंगे। संबंधित शिक्षक की मानव संपदा आईडी और अपनी वेबसाइट पर दर्ज सूचनाओं का मिलान किया जाएगा। संबंधित का आधार कार्ड भी लिया जाएगा। टीम के स्थानीय सदस्य शादी में शिरकत भी करेंगे।
शिक्षकों के निधन पर अब तक 148 करोड़ का सहयोग दिया
टीएससीटी लखनऊ के जिला संयोजक अवधेश कुमार ने बताया कि टीएससीटी की स्थापना 26 जुलाई 2020 को कोरोना के समय हुई थी। इसमें शिक्षकों के निधन पर उनके नॉमिनी को प्रति सदस्य शिक्षक मात्र 15 रुपये का सहयोग कराया जाता था। इस तरह प्रति सदस्य के निधन पर परिजनों को 50 लाख रुपये का सहयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि अब तक 350 से ज्यादा शिक्षकों के निधन पर उनके परिजनों को 148 करोड़ का आर्थिक सहयोग किया गया है। इसकी विस्तृत जानकारी संगठन की वेबसाइट पर उपलब्ध है
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