लखनऊ। किसी कर्मचारी को पेंशन देने में उसकी नौकरी की अस्थायिता, कार्यचार्ज या दैनिक वेतन की अवधि को नहीं जोड़ा जाएगा। इस संबंध में शासन ने उप्र. पेंशन की हकदारी तथा विधिमानकरण अध्यादेश 2025 के अनुसार पेंशन से संबंधित प्रकरणों में कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि पेंशन की पात्रता की तिथि से नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा जारी किंसी भी नियमित आदेश के तहत की गई है या ऐसे कर्मचारी जिनका वेतन राज्य सरकार द्वारा पद पर नियुक्त होने के बाद अथवा सरकार की ओर से पदनामित आदेश की तिथि से सरकारी खजाने से स्वीकृत किया गया हो, उन्हें ही पेंशन की सुविधा का लाभ दिया जाएगा।
उन्होंने ऐसे मामले में विधायी विभाग की दो सितंबर को जारी अभिमत/सुझाव के आधार पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
लंबे समय अस्थायी प्रकृति की नौकरी के बाद नियमित होने वाले कर्मचारियों की अवधि जोड़ने या पेंशन की पात्रता के मामले जोड़ने या लाभ देने के संबंध में शासन ने स्पष्ट किया है कि यह अवधि नहीं जोड़ी जाएगी। ऐसे मामलों में कर्मचारियों के सेवा निर्वाह एवं सुविधा के लिए आवश्यक कार्रवाई अभिमत के अनुसार की जाएगी। कर्मचारियों को सलाह दी गई कि सरकार का अंतिम निर्णय आने तक पेंशन के आवेदनों को प्रशासनिक विभागों में लंबित न रखा जाए।
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