नई दिल्ली: देश की कई
यूनिवर्सिटीज में खाली सीटों का सवाल केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के पास भी पहुंचा है। सूत्रों के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय भी इसके सही कारणों का पता लगा रहा है। इसके अलावा, यूनिवर्सिटीज के ग्रैजुएशन कोर्सेज में दाखिले के लिए होने वाले कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET-UG) की तारीखों को लेकर भी विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में सीयूईटी के आयोजन और रिजल्ट की तारीखों की समीक्षा भी होगी। 2026 के सीयूईटी के पैटर्न में भी कुछ बदलाव होंगे, साथ ही मंत्रालय की एक कमिटी ने बोर्ड एग्जाम के नंबरों को भी अहमियत देने की सिफारिश की है।
CUET-UG की तारीखो को लेकर भी विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं।
ऐसे में सीयूईटी के आयोजन और रिजल्ट की तारीखों की समीक्षा भी होगी।
डीयू समेत जिन यूनिवर्सिटीज में सीटें खाली रह रही हैं, वहां पर कुछ ऐसे सब्जेक्ट कॉम्बिनेशन वाले कोर्सेज है,
जिनमें सीटें तो ज्यादा हैं, लेकिन दाखिले कम हो रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि 2026 में यूनिवर्सिटीज ऐसे कोर्सेज में जरूरी बदलाव करेंगी ताकि छात्रों को जरूरत के आधार पर कोर्सेज में दाखिले का विकल्प दिया जा सके।
डीयू की इग्जेक्यूटिव काउंसिल के सदस्य राजपाल सिंह पंवार का कहना है कि अगर ग्रैजुएशन कोर्सेज में दाखिले के लिए सीयूईटी का आयोजन करवाना है तो फिर परीक्षा के शेड्यूल में बदलाव करना होगा। शिक्षाविद और वीएसपीके एजुकेशन सोसायटी के चेयरमैन एस. के. गुप्ता का कहना है कि सरकार अब स्कूलों में छात्रों की काउंसलिंग पर जोर दे रही है, जो एक बड़ा कदम है। स्कूलों में ही अगर छात्रों को सही गाइडेंस देंगे तो फिर हायर एजुकेशन में उनकी दिक्कतें कम होंगी।
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