सुप्रीम कोर्ट के विशेष शिक्षकों के पद सृजित करने और नियुक्ति करने का आदेश देने से बिहार सहित कई राज्यों में वर्षों से विशेष बच्चों को पढ़ा रहे विशेष शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने आदेश में पहले से संविदा पर कार्यरत शिक्षकों को विशेष शिक्षक के लिए अधिसूचित पद के अनुसार वेतन व भत्ता सहित सभी लाभ देने का निर्देश दिया।
हालांकि, यह लाभ तभी मिलेगा, जब संबंधित संविदा कर्मियों के पास विशेष शिक्षक पद के लिए समुचित और तय योग्यता होगी। पीठ ने कहा, कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अनुबंध के आधार पर तदर्थ शिक्षक वर्तमान में शिक्षा प्रदान कर रहे हैं और विशेष जरूरतों वाले बच्चों की कक्षाएं ले रहे हैं। हमें यह भी बताया गया कि कुछ राज्यों में ये शिक्षक पिछले लगभग 20 वर्षों से कार्यरत हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को तत्काल स्क्रीनिंग कमेटी का गठन करने का आदेश दिया है।
12 सप्ताह में कवायद पूरी हो : सुप्रीम कोर्ट ने स्क्रीनिंग कमेटी को संविदा और दैनिक वेतन के आधार पर विशेष जरूरत वाले बच्चों को पढ़ा रहे शिक्षकों के योग्यता की जांच करने का आदेश दिया है। ताकि सृजित पद के अनुसार वेतन-भत्ता दिया जाए। हालांकि, शीर्ष अदालत ने यह साफ कर दिया कि इस आदेश का लाभ सिर्फ उन संविदा शिक्षकों को मिलेगा, जिनके पास आरसीआई द्वारा निर्धारित योग्यता वाला प्रमाणपत्र होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी के इन शिक्षकों के अनुभव को ध्यान में रखने का निर्देश देने के साथ ही, उचित मामलों में आयु सीमा में छूट पर विचार करने के लिए भी अधिकृत किया है। कमेटी को इसके लिए 12 हफ्ते का समय दिया है। स्वीकृत पदों पर चयन प्रक्रिया तुरंत शुरू हो।
प्रमुख राज्यों में कहां कितने हैं विशेष बच्चे
बिहार 85,344
उत्तर प्रदेश 3,01,718
दिल्ली 32,398
झारखंड 45,598
उत्तराखंड 4,575
पश्चिम बंगाल 1,35,796
राजस्थान 71,929
हरियाणा 21,111
मध्य प्रदेश 1,20,764
आरसीआई को मिले तरजीह
सुप्रीम कोर्ट ने अक्तूबर, 2021 के फैसले का हवाला दिया। विशेष शिक्षकों की नियुक्ति भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) द्वारा तय योग्यता प्रमाण पत्र की आवश्यकता को भी ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए। वहीं जिनके पास आरसीआई प्रमाण पत्र नहीं है, उन्हें अयोग्य मानें।
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