लखनऊः हाई कोर्ट के फैसले से असंतुष्ट अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी अब निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। अनारक्षित छात्र मोर्चा के प्रदेश प्रभारी धर्मेंद्र मिश्र ने बताया कि 1994 की आरक्षण नियमावली केवल एक सीधी भर्ती में लागू होनी चाहिए, जिसमें एक ही परीक्षा होती है। मोर्चा के प्रदेश महासचिव हिमांशु दुबे और नितेश सिंह ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले से अनारक्षित वर्ग संतुष्ट नहीं है।
एक ही भर्ती, जो कई चरणों में होती है, उसमें हर स्तर पर आरक्षण का लाभ देने से आरक्षण का दायरा बढ़ जाता है, जिससे अनारक्षित अभ्यर्थियों के लिए न्याय नहीं हो पा रहा है। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने हमारे पक्ष में टिप्पणी करते हुए कहा था कि इस प्रकार का आरक्षण मौलिक अधिकारों का हनन है। इसी आधार पर अब अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की तैयारी कर रहे हैं।
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