*पदोन्नति के मुद्दे पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 दिनेश चंद्र शर्मा जी जे द्वारा समाचार पत्र जन एक्प्रेस अखबार के माध्यम से शिक्षकों की पीड़ा को रखा गया*
*बस्ती जनपद व गोंडा जनपद के शिक्षकों सहित अन्य ने रखी अपनी बातें*
राज्य मुख्यालय। नई शिक्षा नीति
का जोर-शोर से ढिंढोरा भले ही पीटा जा रहा हो। शिक्षा की गुणवत्ता की बात की जा हो, लेकिन धरातल पर इसके परिणाम उलट है। शिक्षा रूपी चिराग को जीवनभर के लिए रोशन करने वाले शिक्षकों को ही उनके अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते शिक्षकों को प्रमोशन नहीं मिल पा रहा है। विभागीय अधिकारियों की ओर से तारीख पर तारीख का जुमला देकर शिक्षकों का 9 साल से प्रमोशन लटका रखा है।
बेसिक शिक्षा विभाग के इस रवैये और वरिष्ठता सूची जारी नहीं होने के चलते शिक्षक परेशान हैं। जानकारों की मानें तो प्रमोशन के लिए जूनियर टीईटी जरूरी है या नहीं? इसको लेकर बीएसए भी भ्रमित हैं। साल 2018 में प्रदेश भर में प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन जूनियर टीईटी को लेकर पेंच फंस
गया। दरअसल, प्राइमरी के सहायक अध्यापक का प्रमोशन प्राइमरी के हेड या फिर जूनियर के सहायक अध्यापक के पद पर होता है। इसी तरह प्राइमरी के हेड का प्रमोशन जूनियर के हेड पर होगा। प्राइमरी से जूनियर में जाने के लिए आरटीई के तहत अलग से जूनियर टीईटी जरूरी है। आरटीई लागू होने के बाद कुछ शिक्षकों ने तो टीईटी पूरी कर ली है। वहीं कुछ ऐसा नहीं सके। इसी को लेकर मामला कोर्ट में पहुंच गया था। इससे प्रमोशन नहीं हो सके थे। दो साल पहले फिर प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू हुई। जिलों से सूची मांगी गई। मगर कार्यवाही जस की तस है।
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