लखनऊ, । 69000 शिक्षक भर्ती के चयनित सामान्य वर्ग के सैकड़ों शिक्षकों ने नौकरी बचाने के लिए गुरुवार को निशातगंज स्थित शिक्षा निदशालय में प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने कहा कि चार साल से नौकरी कर रहे शिक्षकों को न छेड़ा जाए। सरकार उन्हें नौकरी में सुरक्षित बने रखने का फॉर्मूला बताए। यदि शिक्षक इस फॉर्मूले से संतुष्ट नहीं हुए तो सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
हाईकोर्ट द्वारा शिक्षक भर्ती की दोबारा मेरिट लिस्ट जारी करने के आदेश से नौकरी पर खतरे के डर से प्रदेशभर से करीब दो हजार शिक्षक निदेशालय पहुंचे। स्कूल महानिदेशक कंचन वर्मा ने शिक्षक अनुराग पाण्डेय, सर्वेश प्रताप सिंह, रोबिन व शीवेन्द्र के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को बुलाकार वार्ता की। शिक्षक प्रत्यूष मिश्र ने बताया की महानिदेशक ने कहा कि अभी शासन से कोई स्पष्ट दिशा निर्देश नहीं मिला है। सभी विकल्पों पर मंथन चल रहा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार के पास तीन माह का समय है। कोई ऐसा रास्ता शासन के साथ मिलकर निकाला जाएगा, ताकि किसी का अहित न हो। कोई स्पष्ट आश्वासन न मिलने पर शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से वार्ता की मांग उठाई।
तीसरे दिन जारी आरक्षित अभ्यर्थियों का आन्दोलन
हाइकोर्ट के फैसले के बाद भी 69000 शिक्षक भर्ती के आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी लगातार तीसरे दिन गुरुवार को धरने पर बैठे रहे। नियुक्ति की मांग को लेकर यह अभ्यर्थी 20 अगस्त से शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अभ्यर्थी व संगठन के अध्यक्ष विजय यादव ने बताया कि हाइकोर्ट के फैसले और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्णय के बाद उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। हालांकि शिक्षकों को डर है कि बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी दोबारा इस मामले को लटकाने का प्रयास करेंगे। इसलिए जल्द से जल्द कोर्ट के फैसले के अनुसार लिस्ट जारी की जाय। अभ्यर्थियों ने कहा कि जब तक लिस्ट जारी नहीं हो जाती आंदोलन जारी रहेगा।
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