लखनऊ। विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल काल के दौरान शिक्षामित्रों के मुद्दे पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों के बीच नोंकझोंक हुई। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने स्पष्ट किया कि शिक्षामित्रों का मानदेय 2017 से पहले 3500 था, जिसे भाजपा सरकार ने बढ़ाकर 10 हजार कर दिया है। फिलहाल मानदेय बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
दरअसल, सपा विधा हुए शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने और उन्हें नियमित करने की मांग उठाई। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री के कुत्ते को टहलाने वाले व्यक्ति का मानदेय भी शिक्षामित्रों से ज्यादा है। इस पर एक विधायक ने शिक्षामित्रों की तुलना कुत्ते से करने पर आपत्ति जताई। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में नोकझोंक होने लगी। विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों पक्षों को समझाकर शांत कराया फिर बेसिक शिक्षा मंत्री ने जवाब दिया। राकेश ने एमडीएम बनाने वाली रसोइयों का भी मानदेय
बढ़ाने की मांग उठाई।
सपा विधायक समरपाल सिंह ने पूछा कि बेसिक शिक्षा के स्कूलों में सीबीएसई एवं आईसीएसई बोर्ड की तरह अंग्रेजी पढ़ाने के लिए सरकार की क्या योजना है? इसके जवाब में बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने बताया कि विभाग के स्कूलों में अंग्रेजी एक विषय के रूप में पढ़ाई जाती है। इस पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने चुटकी ली कि एक तरफ सपा के लोग अंग्रेजी का विरोध करते हैं और दूसरी तरफ अंग्रेजी पढ़ाने के लिए बेचैन हैं।
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