बिहार लोक सेवा आयोग की अनुशंसा पर जिस रफ्तार से सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है, उसी गति से अयोग्य शिक्षक भी पकड़े जा रहे है. विभाग के निर्देश पर जब चयनित शिक्षकों की शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है, तो उसमें भारी पैमाने पर अयोग्य शिक्षक पकड़ में आ रहे है. जिले में एक बार फिर 20 अयोग्य शिक्षक पकड़े गये है. इसमें 10 अयोग्य शिक्षकों से पहला स्पष्टीकरण पूछा गया है, जबकि अन्य 10 फर्जी शिक्षकों से दूसरा स्पष्टीकरण
किया गया है. वैसे जानकारों की माने तो अब इनकी नौकरी जाना तय माना जा रहा है. शिक्षा विभाग के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना द्वारा यह कार्रवाई की गयी है. टीआरई 2.0 में चयनित अभ्यर्थियों के जब शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों का अवलोकन
किया गया, तो योग्यता उचित नहीं पायी गयी. कोई अन्य राज्य का निवासी है और निर्धारित शिक्षक पात्रता परीक्षा का उत्तीर्णांक कम है, तो कोई पंचायत शिक्षक के पद कार्य करते हुए रेगुलर मोड से स्नातक उत्तीर्ण किया है. इसी तरह अन्य अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों में भी त्रुटियां है. देव प्रखंड के कमलादेवी हाइ स्कूल खडीहा में कार्यरत शिक्षिका प्रिया कुमारी, गोह एनकेएचएस बैजलपुर की शिक्षिका आकांक्षा, एमएस हुंडराही विद्यालय में कार्यरत पूजा वर्मा, बारुण अपग्रेड हाई स्कूल टहल अंबा में कार्यरत कविता कुमारी, कुटुंबा आरके हाइ स्कूल में कार्यरत गुड़िया कुमारी, रफीगंज एमएस हाई स्कूल बरुणा में कार्यरत पूजा कुमारी, औरंगाबाद नौगढ़ उच्च माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत प्रमोद कुमार रवि, नवीनगर के मंझियावा अपग्रेड हाई स्कूल में कार्यरत खुशबू कुमारी, मदनपुर के घोड़ाडिहरी उच्च माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत प्रियंका कुमारी तथा दाउदनगर के बेलवा अपग्रेड हाई स्कूल में राजीव रंजन कुमार से स्पष्टीकरण पूछा गया है. पत्र में कहा गया है कि ये सभी आवश्यक अहर्ता धारण नहीं करते है, लेकिन विभाग को दिगभ्रमित करते हुए आवेदन किया गया है. स्पष्टीकरण का निर्धारित समय के अंदर जवाब दें कि आखिर क्यों न आप सभी का औपबंधिक नियुक्ति पत्र पत्र र रद्द किया जाये.
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