सलखुआ, संवाद सूत्र। शिक्षा विभाग द्वारा करोड़ों खर्च कर स्कूलों को चमकाया जा रहा है लेकिन इस समय भी फरकिया में बच्चे खुले आसमान या पेड़ की छांव में पढ़ने को विवश है। धूप, बारिश हो या ठंड सभी के थपेड़ों को झेलते हुए वे आगे बढ़ने को प्रयासरत है। हाल यह सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के भंवरी का है।
कहीं न कहीं इन विद्यालयों में नामांकित बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। स्थिति यह है कि वर्षों से स्थापित किए गए दर्जनों ऐसे विद्यालय हैं जहां पर भवन का निर्माण नहीं हुआ है। सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के मध्य विद्यालय भंवरी का अपना भवन नहीं है। यह विद्यालय भवनहीन है। भवन के लिए गांव में पांच कट्टा जमीन उपलब्ध है फिर भी निर्माण नहीं कराया गया है। विद्यालय में इस गांव के नौनिहालों का भविष्य गढ़ा जा रहा है। गैर सरकारी भवन में शिक्षा ग्रहण
करते हैं नौनिहालः भंवरी को वर्ष
1970 में प्राथमिक विद्यालय के रूप में स्थापना किया गया था। जो वर्ष 2009-10 में उत्क्रमित मध्य विद्यालय भंवरी बनाया गया है। जो बीच मे दो वर्ष तक एक बांस के झाड़ी के नीचे शिक्षा का केंद्र चलाया गया, जो बाद में बच्चों के नामांकन में वृद्धि होने के उपरांत 2010 में ग्रामीणों ने सहदेव पासवान के खाली गोदाम को साफ सफाई कर नियमित ढंग से विद्यालय को चालू करवाया। जो अबतक उसी गोदाम में नौनिहाल बच्चों
को शिक्षा दी जा रही है। बरसात में गोदाम जर्जर और गहराई होने की वजह से पढ़ाई हमेशा बाधित हो जाती है। मालूम हो कि नामांकित बच्चे के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही मध्याह्न भोजन खुले आसमान के नीचे बनाकर बच्चों के बीच परोसे जाते हैं।
भवन न बनने से ग्रामीण आक्रोशितः गांव में जमीन उपलब्ध होने के बावजूद भवन का निर्माण न होने के कारण भंवरी गांव के ग्रामीण सहित जनप्रतिनिधि आक्रोशित हैं। पूर्व
तो किसी भी तरह कर रहे हैं, लेकिन विभागीय प्रशासन के लापरवाही के कारण आज गांव में मात्र एक यह विद्यालय है जो भवनहीन है जिसके कारण यहां के बच्चों का भविष्य अंधकार में जा रहा है। क्या कहते हैं प्रधानाध्यापकः मध्य
मुखिया प्रतिनिधि सहदेव पासवान, समिति धनोज पासवान, कैलाश पासवान, एनएसयूआई नेता मुरारी यादव ने बताया कि गांव के बच्चों के भविष्य के बारे में अधिकारियों की कोई परवाह नहीं है। अधिकारियों को आवेदन दिया जाता है लेकिन कोई देखने तक नहीं आता है।
सिर्फ कागजी खानापूर्ति के लिए विद्यालय में शिक्षक बहाल कर अपनी रोटी सेंकने में लगी हुई है। शिक्षक ससमय उपस्थित होकर अपना कार्य
विद्यालय भंवरी के प्रधानाध्यापक शोभाकांत पासवान ने बताया कि भवन नहीं होने के कारण परेशानी हो रही है। विद्यालय में कुल 331 बच्चे नामांकित है। सभी बच्चों को ग्रामीण द्वारा दी गई सहदेव पासवान की खाली गोदाम में पढ़ाई करवाई जा रही है। ग्यारह शिक्षक भी रोजाना उपस्थित होकर सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुकूल पढ़ाते हैं। विद्यालय भवन निर्माण के लिए मैंने विभाग को पत्र भी लिखा है। लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुआ है। राशि मिलने के बाद ही निर्माण कराया जाएगा।
इस संबंध में सिमरी बख्तियारपुर बीईओ रंजन कुमार शर्मा ने बताया कि विभाग को चिट्टी लिखी गयी है। जल्द ही भवन निर्माण कार्य कराया जाएगा।
005 कट्ठा जमीन गांव में जा रहा भवन
1970 में प्राथमिक विद्यालय बना था यह स्कूल
■ अपना भवन भी आज तक नहीं हुआ नसीब
■ खुले में पढ़ने से धूप-बरसात झेलते बच्चे और शिक्षक
जर्जर गोदाम में भी कभी-कभी बच्चों
को पढ़ाया जाता
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