मिड डे मील का बजट बढ़ने से शिक्षकों को राहत
अंबाला सिटी। राजकीय स्कूलों में चल रही मिड डे मील योजना के बजट में इजाफा होने से शिक्षकों को राहत मिली है। निदेशालय मौलिक शिक्षा ने मिड डे मील के बजट में इजाफा किया है। इससे शिक्षकों की जेब पर भी असर नहीं पड़ेगा और विद्यार्थियों को भी और पौष्टिक खाना मिलेगा।
निदेशालय ने बाल वाटिका से पांचवीं कक्षा तक 60 पैसे और छठी से आठवीं कक्षा तक 86 पैसे बढ़ाए हैं। पहले बाल वाटिका से पांचवीं कक्षा तक 6.19 पैसे और छठी से आठवीं कक्षा तक 9.29 पैसे प्रति विद्यार्थी मिल रहे थे। अब बाल वाटिका से पांचवीं तक 6.78 पैसे और छठी से आठवीं तक 10.17 पैसे प्रति विद्यार्थी बजट मिलेगा। इसमें केंद्र सरकार की ओर से 60 प्रतिशत और राज्य सरकार की ओर से 40 प्रतिशत बजट मिलेगा। यह वृद्धि एक मई से लागू होगी।
दरअसल, राशि कम मिलने पर राजकीय स्कूलों में शिक्षकों को मिड डे मील पकाने में दिक्कत आ रही थी, क्योंकि विभाग प्रति विद्यार्थी बजट कम दे रहा था, जबकि खाद्य पदार्थ महंगे होने से स्कूलों में मिड डे मील पकाने में ज्यादा खर्च आता है। ऐसे में कई बार तो शिक्षकों को अपनी जेब से भी खाद्य पदार्थों पर खर्च करना पड़ता है। इसके लिए शिक्षक मांग उठा चुके हैं कि इस राशि को महंगाई भत्ता के अनुसार रिवाइज किया जाए।
रोजाना 50 हजार को मिलता है मिड डे मील
जिले में 478 राजकीय प्राथमिक और 286 राजकीय मिडिल स्कूल हैं। इन 764 राजकीय और मिडिल स्कूल में पहली से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को दोपहर में मिड डे मील के तहत भोजन मिलता है। मिड डे मील में आटा और चावल विद्यार्थियों के लिए स्कूलों में पहुंचता है। राजकीय प्राथमिक स्कूलों की बात करें तो प्रत्येक विद्यार्थी को रोजाना 100 ग्राम और मिडिल स्कूल में 150 ग्राम के हिसाब से मिड डे मील मिलता है। जिले के प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में करीब 50 हजार विद्यार्थी मिड डे मील खाते हैं।
छह महीने बाद बढ़े महंगाई भत्ता
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य प्रवक्ता अमित छाबड़ा ने बताया कि मिड डे मील के लिए विद्यार्थियों को दी जानी वाली राशि में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन प्राथमिक विद्यालयों में इसे बढ़ाकर 10 रुपये किया जाना चाहिए। इसके साथ ही महंगाई भत्ता के रेट भी हर छह महीने बाद रिवाइज होना चाहिए। विभाग की ओर से आटा व चावल की सप्लाई होती है, जबकि स्कूल शिक्षकों को बच्चों को मिलने वाली राशि में से ही गैस, तेल, रिफाइंड, दाल, सब्जी, मसाले, दही का इंतजाम करना होता है।
वर्जन
निदेशालय की ओर से मिड डे मील का बजट प्रति विद्यार्थी अनुसार बढ़ाया गया है। इससे विद्यार्थियों को मिलने वाला भोजन और अधिक पौष्टिक होगा।
सुधीर कालड़ा, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, अंबाला।
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