निवेशक अधिक ब्याज वाली एफडी की ओर फिर लौटे

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 निवेश के मोर्चे पर शेयर बाजार में बीते आठ से 10 महीनों के दौरान भारी गिरावट और मौजूदा दौर में उतार-चढ़ाव का दौर बना हुआ है। ऐसी स्थिति में बैंकों में सावधि जमा (एफडी) के प्रति लोगों का रुझान एक बार फिर बढ़ रहा है। आरबीआई की रिपोर्ट से पता चलता है कि लगातार उच्च ब्याज वाली एफडी में निवेश बढ़ रहा है और इसमें 23 गुना तक उछाल आया है।

आरबीआई द्वारा जारी मासिक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2022 में बैंकों से जुड़ी विविध जमा योजनाओं के तहत सावधि जमा (एफडी) की हिस्सेदारी काफी कम थी। रिपोर्ट बताती है कि सात से आठ फीसदी तक ब्याज देने वाली विविध एफडी योजनाओं में महज 2.8 प्रतिशत धनराशि जमा थी, जो दिसंबर 2024 में बढ़कर 64.9 प्रतिशत हो गई है।

बीते साढ़े तीन वर्षों से भी अधिक वक्त में इसमें अप्रत्याशित उछाल दर्ज किया गया है। वहीं, आठ फीसदी से अधिक ब्याज वाली एफडी की हिस्सेदारी भी इस अवधि में 1.7 से बढ़कर 5.9 तक पहुंच गई है।

कम ब्याज वाली एफडी में हिस्सेदारी घटी : हालांकि, इस अवधि में पांच प्रतिशत से कम का रिटर्न देने वाली एफडी योजनाओं में जमा धनराशि का प्रतिशत कम हुआ है। इनमें मार्च 2022 में 34.2 प्रतिशत तक धनराशि जमा थी, जो दिसंबर 2024 तक गिरकर 2.9 प्रतिशत रह गई।

बैंकों का संकट कम हुआ

निवेश बढ़ने से बैंकों के लिए भी जमा धनराशि की दिक्कत खत्म हो गई है। बीते वर्ष जून-जुलाई तक बैंकों के सामने जमा धनराशि का संकट था, जिसको लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी बैंकों को आगाह किया था कि वह आकर्षक एफडी लाएं और ग्राहकों को पैसा जमा करने के लिए प्रोत्साहित करें। इसके बाद बैंकों ने अभियान भी चलाया था।

ऋण लेने की हिस्सेदारी बढ़ी

आंकड़े बताते हैं कि सालाना ऋण लेने की दर में इजाफा हो रहा है। अर्थव्यवस्था के लिहाज से ऋण लेने की दर में वृद्धि को काफी हद तक सही माना जाता है। खास तौर पर कुछ क्षेत्रों में ऋण लेने की गति में वृद्धि को अर्थव्यवस्था के लिहाज से सकारात्मक माना जाता है। वार्षिक आधार पर कृषि, उद्योग और आवास ऋण में वृद्धि देखने को मिली है।

बैंकों की एफडी सबसे सुरक्षित निवेश

वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर और बैंकिंग विशेषज्ञ अशवनी राणा कहते हैं कि बैंकों मे उच्च ब्याज वाली एफडी में निवेश बढ़ने के पीछे कई कारण है। पहला, बीते करीब 10 महीनों से शेयर बाजार में उथल-पुथल का दौर है। इससे काफी लोगों को भारी नुकसान हुआ है। शेयर बाजार गिरने पर लोगों ने अपने निवेश को वहां से हटाकर सुरक्षित जगहों पर लगाया है। दूसरा, बैंकों ने बीते एक वर्ष में उच्च ब्याज एफडी में कोई बदलाव नहीं किया है। उल्टे काफी बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की। अब बैंकों की एफडी में पैसा लगाने को सुरक्षित माना जाता है, जिस कारण से लोगों ने बैंक में उन एफडी में पैसा लगाया, जिनमें अच्छा रिटर्न मिलता है।

बैंकिंग विशेषज्ञ अशवनी राणा कहते हैं कि बैंकों मे उच्च ब्याज वाली एफडी में निवेश बढ़ने के पीछे कई कारण है। पहला, बीते करीब 10 महीनों से शेयर बाजार में उथल-पुथल का दौर है। इससे काफी लोगों को भारी नुकसान हुआ है। श्दूसरा, बैंकों ने बीते एक वर्ष में उच्च ब्याज एफडी में कोई बदलाव नहीं किया है। उल्टे काफी बैंकों ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी की।

बैंकों की एफडी सुरक्षित

बैंकों की सावधि जमाओं का ब्याज दर वार हिस्सेदारी

वर्ष 5% 5-6 % 6-7% 7-8% 8%

से कम से अधिक

मार्च 2022 34.3 51.4 9.9 2.8 1.7

मार्च 2023 7.0 31.9 27.5 30.3 3.4

मार्च 2024 5.5 8.1 22.2 58.9 5.5

दिसंबर 2024 2.9 5.5 20.8 64.9 5.9

(आंकड़े प्रतिशत में)

बदलाव : निवेशक अधिक ब्याज वाली एफडी की ओर फिर लौटे

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