लखनऊ। प्रदेश सरकार की महिला सशक्तिकरण और बालिका शिक्षा के लिए दी जा रही सुविधाओं का असर दिख रहा है। एक तरफ आठ मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदेश के सभी जिलों में मिशन शक्ति का आयोजन जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) की छात्राएं हर क्षेत्र में सफलता का परचम लहरा रही हैं।
प्रदेश के 1.32 लाख विद्यालयों में बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके
अतिरिक्त शैक्षिक रूप से पिछड़े विकास खंडों में बालिकाओं के लिए 746 केजीबीवी का संचालन हो रहा है। 680 से अधिक स्कूलों को 12वीं तक उच्चीकृत किया गया है।
इनमें 82629 बालिकाएं निशुल्क पढ़ाई कर रही हैं।
केजीबीवी की छात्राएं राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता प्राप्त कर रही हैं। अमरोहा की निधि
लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 39वीं रैंक हासिल कर एसडीएम बनीं, जबकि महोबा की निदा खातून ने एमबीबीएस की डिग्री ली। वहीं प्रयागराज की संध्या सरोज और प्रतापगढ़ की रिया पटेल को जापान में वैज्ञानिक कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर मिला।
इतना ही नहीं खेल के क्षेत्र में भी बेटियां प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं। उन्नाव की अर्चना अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप की विजेता टीम का हिस्सा रही हैं। जबकि अंडर-14 राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता में बालिकाओं ने उपविजेता स्थान प्राप्त कर राष्ट्रीय स्तर पर चयनित होने का गौरव प्राप्त किया।
महिला खिलाड़ियों के लिए छात्रवृत्ति जल्द
बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि महिला सशक्तिकरण केवल एक योजना नहीं, सरकार का संकल्प है। सरकार जल्द ही कस्तूरबा गांधी विद्यालयों की संख्या बढ़ाने, डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने और महिला खिलाड़ियों के लिए विशेष छात्रवृत्ति कार्यक्रम लॉन्च करने जा रही है। सीएम योगी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार बेटियों को शिक्षित, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
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