सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे स्पेशल चिल्ड्रेन के लिए स्वीकृत टीचर्स के पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी करे और तुरंत सेलेक्शन प्रक्रिया शुरू करें। कोर्ट ने यह भी कहा कि विभिन्न राज्यों में कार्यरत अस्थायी (Ad-hoc) शिक्षकों को उनकी योग्यता के आधार पर नियमित किया जाए।
जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें स्पेशल छात्रों के लिए शिक्षकों की कमी पर प्रकाश डाला गया था। शीर्ष अदालत ने पाया कि अक्टूबर 2021 के राजनीश कुमार पांडे बनाम भारत सरकार के फैसले के बावजूद, अधिकांश राज्यों ने अब तक विशेष शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की है। कई राज्यों ने अब तक आवश्यक शिक्षकों की स्वीकृत संख्या की पहचान तक नहीं की है.
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