लखनऊ, । केंद्र सरकार ने 70 साल या उससे अधिक आयु वाले सभी बुजुर्गों को पांच लाख तक सालाना मुफ्त इलाज की सुविधा दी है। इस सुविधा को पाने का एकमात्र दस्तावेज आधार कार्ड है। उसमें अंकित जन्मतिथि के आधार पर ही उम्र निर्धारण होना है। योजना का लाभ पाने वालों के लिए केवाईसी जरूरी है। आवेदन करने पर ओटीपी उसी मोबाइल नंबर पर आता है, जो आधार से लिंक है। मगर 70 पार वाले बड़ी संख्या में बुजुर्गों के पास मोबाइल ही नहीं है। ऐसे में योजना का लाभ पाने को उन्हें बायोमीट्रिक कराना होगा। पहली बार इन बुजुर्गों का डाटा भी सामने आया है। केंद्र सरकार ने आयुष्मान योजना में किए गए विस्तार के तहत 70 पार वालों को बिना किसी बैरियर के योजना में शामिल किया है। केंद्र ने इसकी गाइड लाइन जारी कर दी है। इसके अनुसार यूपी में 70 साल या उससे अधिक आयु वाले बुजुर्गों की संख्या 89 लाख 6 हजार 369 है। इसमें 66 लाख 71 हजार 437 परिवार शामिल हैं, जिनमें यह बुजुर्ग हैं। इसमें योजना में पहले से शामिल 23 लाख से अधिक परिवारों के 30 लाख 13 हजार 782 बुजुर्ग भी शामिल हैं ।
70 बुजुर्गों के पास मोबाइल नहीं या नंबर लिंक नहीं
अब सवाल यह है कि इन 89 लाख से अधिक बुजुर्गों में से कितनों के पास मोबाइल है और कितनों को मोबाइल नंबर उनके आधार के साथ लिंक है। दरअसल, इनमें से 70 फीसदी से अधिक बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनके पास या तो मोबाइल नंबर नहीं है और यदि है भी तो वो आधार से जुड़ा हुआ नहीं है। ऐसे में इन बुजुर्गों को आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए बायोमीट्रिक कराना होगा। इसके लिए उन्हें अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाना होगा। केवाईसी होते ही उनका फोटो अपलोड हो जाएगा और आयुष्मान कार्ड बन जाएगा।
● आयुष्मान योजना का लाभ पाने के लिए आधार ही एकमात्र दस्तावेज
● 70 साल वालों का पहली बार आंकड़ा जारी, 89 लाख संख्या अनुमानित
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