लखनऊ। विधान परिषद में सरकार ने बुधवार को फिर से आश्वासन दिया कि वह एडेड स्कूलों के शिक्षकों को कैशलेस इलाज की सुविधा दिए जाने पर विचार करेगी। दरअसल, शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने राजकीय शिक्षकों और कर्मचारियों की तरह एडेड शिक्षकों को भी कैशलेस इलाज और चिकित्सा प्रतिपूर्ति का मुद्दा उठाया। ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि वही कोर्स राजकीय शिक्षक पढ़ाते हैं और वही कोर्स एडेड के शिक्षक भी पढ़ाते हैं।
दोनों बराबर मेहनत करते हैं तो फिर एडेड शिक्षकों से यह सौतेला व्यवहार क्यों? वे कोई राजपाठ नहीं मांग रहे। उन्हें बीमारियों के इलाज में भी बराबरी का दर्जा और हिस्सा चाहिए। कहा कि सरकार कई बार वादा भी कर चुकी है लेकिन वह वादा ही रह जा रहा है। कभी पूरा होता नहीं दिख रहा।
इस पर सरकार की ओर से श्रम मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि दोनों की सेवा शर्तें भिन्न हैं। अभी तक एडेड शिक्षकों को चिकित्सा सुविधा का प्रावधान नहीं है। जिनके लिए कोई प्रावधान नहीं है, उनको मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से व्यवस्था है। इस पर ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि एक भी शिक्षक को विवेकाधीन कोष से सहायता मिली हो तो मंत्री बता दें। हालांकि बाद में सभापति के कहने पर श्रम मंत्री ने कहा कि सरकार श्री त्रिपाठी द्वारा पूछे गए सवाल को हल करने पर विचार करेगी। सभापति ने भी इस पर प्रभावी कार्यवाही के आदेश सरकार को दिए।
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